9 February 2017

945 यकीनन फर्क खास नजरअंदाज़ शायरी


945
आ गया हैं फर्क,
तुम्हारी नजरोंमें यकीनन...
अब एक खास अंदाज़से,
नजरअंदाज़ करते हो हमे...

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