25 February 2017

1006 मोहब्बत सफ़र मंज़िल वफ़ा कागज़ घर ख्वाहिश तूफां शायरी


1006
मोहब्बतके सफ़रमें,
मंज़िल वफ़ाकी थी,
कागज़का घर बनाकर भी,
ख्वाहिश तूफांकी थी...

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