20 March 2019

4016 - 4020 ज़िंदगी खुशबू अजीब कयामत आफत इबादत नाराज़ वक्त किश्त खयाल शायरी


4016
इक ठहरा हुआ,
खयाल तेरा;
कितने लम्होंको,
रफ़्तार देता हैं...

4017
सारा बदन अजीबसी,
खुशबूसे भर गया...
शायद तेरा खयाल,
हदाेंसे गुजर गया...!

4018
तेरा खयाल भी हैं,
क्या गजब...
ना आए तो आफत,
जो जाए तो कयामत...!

4019
खयालोंमेंउसके,
मैने बिता दी ज़िंदगी सारी; 
​​इबादत कर नहीं पाया,
खुदा नाराज़ मत होना...

4020
हर रोज़ हर वक्त,
तेरा ही खयाल...
जाने किस कर्जेकी,
किश्त हो तुम.......!

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