4016
इक ठहरा हुआ,
खयाल तेरा;
कितने लम्होंको,
रफ़्तार
देता हैं...
4017
सारा बदन अजीबसी,
खुशबूसे भर
गया...
शायद तेरा खयाल,
हदाेंसे गुजर
गया...!
4018
तेरा खयाल भी
हैं,
क्या गजब...
ना आए तो
आफत,
जो आ
जाए तो कयामत...!
4019
खयालोंमें उसके,
मैने बिता दी
ज़िंदगी सारी;
इबादत
कर नहीं पाया,
खुदा नाराज़ मत
होना...
4020
हर रोज़ हर
वक्त,
तेरा ही
खयाल...
न जाने किस
कर्जेकी,
किश्त
हो तुम.......!
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