30 March 2019

4051 - 4055 मिजाज मुस्कुरा यादें तूफ़ान कर्ज हैरान रफ़्तार सजा वक़्त महक मौसम शायरी


4051
मौसम मिजाजको,
गुलज़ार कर दो...
तुम मुस्कुराकर ही,
हमें कर्जदार कर दो.......!

4052
नहीं कोई जानकारी,
मेरे पास... मौसमकी,
बस इतना जानता हुँ...
तेरी यादें तूफ़ान लाती हैं.......!

4053
माना मौसम भी बदलते हैं,
मगर धीरे-धीरे...
तेरे बदलनेकी रफ़्तारसे तो,
हवाएं भी हैरान हैं.......!

4054
सजा हैं मौसम,
तुम्हारी महकसे आज फिर;
लगता हैं हवायें तुम्हें,
छूकर आयी हैं...!

4055
दिन छोटे और,
रातें लंबी हो चली हैं...
मौसमने यादोंका,
वक़्त बढ़ा दिया.......!

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