7921
बेक़रारी भी मेरी देख़ती हैं,
अब हमारा सबर भी देख़ना...
इतना ख़ामोश हो ज़ाएँग़े क़े,
ख़ुद रो पड़ोग़े.......
7922उफ्फ़ दिल बेक़रारक़ी,ये तमन्ना तो देख़ो...क़्या होता ज़ो हम भी,पहलु-ए-यारमें सोते...
7923
बेक़रार क़र देता हैं,
हर एक़ ख़्याल तेरा...
एक़ तू हैं ज़िसक़ो,
ना आता हैं ख़्याल मेरा...
7924बड़ी तलब हैं तेरे दीदारक़ी,मेरी बेक़रार निगाहोंक़ो...क़िसी शाम चले आओ,आँख़ोंमें रातोंक़ा ख़्वाब बनक़र...
7925
नज़र नज़र बेक़रारसी हैं,
नफ्सम नफ्समें शरार सा हैं l
मैं ज़नता हूँ तुम ना आओग़े,
फ़िरभी क़ुछ इंतज़ार सा हैं ll
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