6486
बात तो की थी आपसे,
किसी औरकी फितरत,
समझनेके लिए...
लेकिन कब आप मेरे,
लेकिन कब आप मेरे,
दिलकी फितरत
बनते गए,
पता ही न चला.......!
पता ही न चला.......!
6487
ऐसा नहीं कि,
मेरे इन्तजारकी उन्हें खबर
नहीं...
लेकिन तड़पानेकी आदत तो,
उनकी फितरतमें शुमार हैं.......!
6488
मेरा मिज़ाज दरख़्तों जैसा...
उन्हें उड़ जाना था, और...
मुझे कायम ही
रहना था...!
6490
ये मेरे दिलकी जिद हैं की,
प्यार करुँ तो सिर्फ तुमसे करूँ...
वरना तुम्हारी जो फितरत हैं,
6489
मुझे भी सिखा
दो,
भूल जानेका फितरत...
मैं थक गयी
हूँ,
तुझे याद करते
करते.......
6490
ये मेरे दिलकी जिद हैं की,
प्यार करुँ तो सिर्फ तुमसे करूँ...
वरना तुम्हारी जो फितरत हैं,
वो नफरतके भी काबिल
नहीं...