7 April 2017

1195 दिल आफत बिखरे रख्खे फेंके वक्त गुज़र झुलस खत गुलाब खुशबु इत्र दराज़ शायरी


1195
आफत हैं तेरे खतके,
बिखरे हुवे टुकड़े...
रख्खे भी नहीं जाते,
फेंके भी नहीं जाते
वक्त गुज़र गया झुलसके,
गुलाबकी पंखुडिंयोंको देखते,
पर उसके खुशबुकी महेक,
आजभी दिलसे हीं उतरती,
किसी इत्रकी दराज़से.......

1194 जिन्दगी इश्क ज़्यादा ग़म शायरी


1194
आधेसे कुछ ज़्यादा हैं .......
पूरेसे कुछ कम.....
कुछ जिन्दगी...
कुछ ग़म …....
कुछ इश्क.....
कुछ हम…

1193 धडकन खास बात दीदार बाजार साफ़ सुन शायरी


1193
धडकनोकी यहीं तो खास बात हैं...
उनका दीदार हो बस.......
भरे बाजारमें भी ,
साफ़ सुनाई पडती हैं…….

1192 जीवनका फैसला अनमोल लफ्ज अनमोल शायरी


1192
उसके जीवनका हर फैसला,
मेरे लिए अनमोल था, क्योंकि...
उसने हर फैसलेमें सिर्फ एक ही लफ्ज कहां,
"जैसा तुम कहो ll"

1191 जिन्दगी जरूरत नाम ख्वाहिश फ़कीर बादशाह अधुरी शायरी


1191
जिन्दगी जरूरतोंका नाम हैं,
ख्वाहिशोंका नहीं...
जरूरत फ़कीरोंकी भी पूरी हो जाती हैं ;
ख्वाहिशों बादशाहोंकी भी अधुरी रह जाती हैं...!

4 April 2017

1190 प्यार दिल दोस्ती भरोसा तोड़ गुलाब जिन्दगी जरूरत नाम जोड़ टूट शायरी


1190
प्यारमें कोई तो दिल तोड़ देता हैं...
दोस्तीमें कोई तो भरोसा तोड़ देता हैं...
जिन्दगी जीना तो कोई,
गुलाबसे सीखे.....
जो खुद टूटकर...
दो दिलोंको जोड़ देता हैं !!!

1189 मशवरा खूब खुश वजह शायरी


1189
मशवरा तो खूब देते हो,
"खुश रहा करो" ll
कभी कभी वजह भी,
बन जाया करो…!

1188 मशवरा खूब खुश वजह शायरी


1188
न दवा, न दुआ...
यह मोहब्बत हैं मेरे यार l
इसमे भूलते नहीं...
रोजाना मरते हैं हजार बार ll

1187 पता मुसाफीर मशवरा शहर बीच रास्ते शायरी


1187
हमे पता हैं,
तुम मुसाफीर कहीं औरके हो,
हमारा शहर तो,
युँही बीच रास्तेमें  गया था।

1186 हकीक़त ख्वाब शिकायत मजाक इत्तेफाक याद सिद्दत शायरी


1186
हकीक़त कहो, तो उनको ख्वाब लगता हैं ...
शिकायत करो, तो उनको मजाक लगता हैं
कितने सिद्दतसे उन्हें याद करते हैं हम …....
और एक वो हैं… जिन्हें ये सब इत्तेफाक लगता हैं……

1185 अनदेखे धागे आजाद साथ शायरी


1185
अनदेखे धागेमें,
बांध गया कोई l
कि वो साथ भी नहीं और
हम आजाद भी नहीं ll

1184 जिंदगी सचमुच कबूल कमी शायरी


1184
तू सचमुच जुड़ा हैं,
गर मेरी जिंदगीके साथ...
तो कबूल कर मुझको,
मेरी हर कमीके साथ !!!

1183 अनदेखे धागे आजाद साथ शायरी


1183
दिल तो करता हैं के मैं,
खरीद लूँ ये तेरी तन्हाई l
पर अफसोस मेरे पास खुद,
तन्हाईके सिवा कुछ नहीं . . . !

3 April 2017

1182 जल्दी खयाल चूमना जनाजा शायरी


1182
वाह् फ़राज़,
बड़ी जल्दी खयाल आया हमारा,
बस भी करो अब चूमना...
उठने भी दो अब जनाजा मेरा......

1181 मुद्दतें शख्स बाहर अंदर दिख शायरी


1181
मुद्दतें हो गयी,
कोई शख्स तो अब ऐसा मिले, फ़राज़...
बाहरसे जो दिखता हो,
अंदर भी वैसा ही मिले !!!

1180 खफा देख मनाने अंदाज शायरी


1180
उससे खफा होकरभी,
देखेंगे एक् दिन फ़राज़।
के उसके मनानेका,
अंदाज कैसा हैं.......

1178 दिल इश्क़ आँख पलक गलत शायरी


1178
गलत सुना था की,
इश्क़ आँखोंसे होता हैं, फ़राज़
दिल तो वो भी ले जाते हैं,
जो पलके तक नहीं उठाते......ll

1179 वजह पूछ मौका अजनबी लहेजा बदल शायरी


1179
वजह पूछनेका तो,
मौका ही नहीं मिला, फ़राज़...
वो लहेजा बदलते गए और,
हम अजनबी होते गए......ll

1177 शक मुहब्बत नुकसान मालूम शायरी


1177
शक तो था मुहब्बतमें,
नुकसान ही होगा, फ़राज़।
पर सारा हमारा ही होगा,
ये मालूम न था.......

1176 मुहब्बत औकात तबाह दिन शायरी


1176
औकात क्या हैं तेरी, ऐ फ़राज़...
चार दिनकी मुहब्बतभी,
तुझे तबाह कर देती हैं......