7 April 2017

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जिन्दगी जरूरतों का नाम है,
ख्वाहिशों का नहीं...
जरूरत फ़कीरों की भी पूरी हो जाती है ;
ख्वाहिशों बादशाहों की भी अधुरी रह जाती हैं...!

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