27 April 2017

1257 लिखते हाथ रुक लम्हे याद भूल साथ दोस्त शायरी


1257
लिखते लिखते आज हाथ रुक से गए ,
कुछ लम्हे याद आये कुछ भूल से गए ,
जो साथ ना होकर भी साथ हो हमारे ,
ऐसे दोस्त कहाँ खो से गए ???

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