29 April 2017

1266 एहसास सागर लहरें मचल साहिल मजधार आँख बात होठ प्यार शायरी


1266
एहसासोंके सागरमें,
आज लहरें हैं मचल रहीं,
समझ नहीं रही हैं की,
साहिल हैं या मजधार हैं,
हम कह चुके हज़ारों बार,
आँखोंसे अपने यह बात,
कहना हैं आज होठोंसे की,
हमको उन्हीसे प्यार हैं…

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