29 April 2017

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एहसासों के सागर में आज लहरें हैं मचल रही,
समझ नही रही हैं की साहिल है या मजधार है,
हम कह चुके हज़ारों बार आँखों से अपने यह बात,

कहना है आज होठों से की हम को उन्ही से प्यार है…

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