29 April 2017

1268 मीठा नशा झुठी बात वक्त गुज़र आदी शायरी


1268
कुछ मीठासा नशा था,
उसकी झुठी बातोंमें...
वक्त गुज़रता गया और
हम आदी हो गये...!

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