17 April 2017

1225


करीब इतना रहो कि रिश्तों मैं प्यार रहें ...
दूर भी इतना रहो कि आने का इंतज़ार रहे ...
रखो उम्मीद रिश्तों के दरमियान इतनी कि,
टूट जाएँ उम्मीदें मगर रिश्तें बरक़रार रहें ...

No comments:

Post a Comment