24 April 2017

1247 मोहब्बत खास रात आखरी खयाल सुबह पहली सोच शायरी


1247
कुछ खास नहीं,
बस इतनीसी हैं मोहब्बत मेरी…!
हर रातका आखरी खयाल और,
हर सुबहकी पहली सोच हो तुम…!!!

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