25 April 2017

1253 दिल आँख हकीकत रिश्ता हमदर्द हाथ दर्द दुआ शायरी


1253
आँखोंमें देखकर,
वो दिलकी हकीकत जानने लगे;
उनसे कोई रिश्ताभी नहीं,
फिरभी अपना मानने लगे;
बनकर हमदर्द कुछ ऐसे,
उन्होंने हाथ थामा मेरा;
कि हम खुदासे,
दर्दकी दुआ मांगने लगे ll

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