27 April 2017

1260 नकाब पर्दा कयामत यकीन शायरी


1260
नकाब कहती हैं,
मैं पर्दा-ए-कयामत हूँ,
अगर यकी न हो तो,
देखलो उठाके मुझे . . .

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