21 April 2017

1239 दुनियाँ गम फ़साना खुशियाँ ढूढ आशियाना वक़्त उदास मुस्कुराना शायरी


1239
गम न हो वहां, जहाँ हो फ़साना आपका,
खुशियाँ ढूढती रहें आशियाना आपका,
वो वक़्त ही न आये जब आप उदास हों,
ये दुनियाँ भुला न सके मुस्कुराना आपका !

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