19 May 2017

1320 ज़िंदा मर बात शायरी हैं हीं हां में मैं पें याँ आँ हूँ हाँ हें


1320
जो कहती थी के तू न मिला . . .
तो मर जाएंगे हम...,
वो आज भी ज़िंदा हैं,
ये बात किसी औरसे कहनेके लिए . . . !

1318 गुनाह सजा बेवफा कबूल शायरी


1318
हर गुनाह कबूल है हमें,
    "बस..."      
सजा देने वाला,
बेवफा न हो...!

1319 दिल अश्क गिला रुला किताब खुशि पन्ना ढूंढ जला शायरी हैं हीं हां में मैं पें याँ आँ हूँ हाँ हें


1319
ना कर गिला मेरे बहते अश्कोंका,
मेरे दिलको सभीने रुलाया हैं,
न ढूंढो मेरे दिलके किताबमें खुशियोंका पन्ना...
हर एक पन्ना मेरे किसी अपने ने ही जलाया हैं...

1317 दिल खास हिचकियॉं पास याद एहसास शायरी


1317
दिलमें आप हो और कोई खास कैसे होगा;
यादोंमें आपके सिवा कोई पास कैसे होगा;
हिचकियॉं कहती हैं आप याद करते हो;
पर बोलोगे नहीं तो मुझे एहसास कैसे होगा।

1316 अजीब अन्दर तन्हाई याद शायरी


1316
कितनी अजीब हैं,
मेरे अन्दरकी तन्हाई भी,
हजारो अपने हैं,
मगर याद तुम ही आते हो…

14 May 2017

1315 दिल समझ सुनु आँख सोने शायरी


1315
समझ नहीं आ रहा किसकी सुनु...
आँख कह रहीं सोने दे,
दिल कह रहा हैं,
थोडा और रो लेने दे...!

13 May 2017

1313 दिल मजबूर बात जिद्द सिलसिले आग़ाज़ शायरी


1313
दिल मजबूर हो रहा हैं,
तुमसे बात करनेको...
बस जिद्द ये हैं कि,
सिलसिलेका आग़ाज़ तुम करो...

1314 दिल इजहार इकरार बेकरार शायरी


1314
ना कोई इजहार हैं,
ना कोई इकरार हैं,
फिर ना जाने क्यूँ...
ये दिल इतना बेकरार हैं l

1312 आशियाँ मौत गम बात शायरी


1312
मुझे अपनी मौतका,
तो कोई गम नहीं हैं लेकिन...
तेरे आशियाँपें मरते,
तो कुछ और बात होती......

1311 इश्क़ अंधा घर रास्ता शायरी


1311
ऐ इश्क़ सुना था,
तू अंधा हैं...
फिर मेरे घरका रास्ता,
तुझे किसने बताया...?

12 May 2017

1310 दिल अजीबसा मंजर नज़र आँसूं समंदर शीशे हाथ पत्थर शायरी


1310
एक अजीबसा मंजर नज़र आता हैं,
हर एक आँसूं समंदर नज़र आता हैं,
कहाँ रखूं मैं शीशेसा दिल अपना,
हर किसीके हाथमें पत्थर नज़र आता हैं…

1309 दिल अजीबो-गरीब नादाँ ख्वाहिश अमल तलबगार जन्नत शायरी


1309
बड़ी अजीबो-गरीब हैं,
नादाँ दिलकी ख्वाहिश।
या रब मेरे,
अमलमें कुछ भी नहीं और...
दिल तलबगार हैं जन्नतका।

1308 दिल आह दास्तां अर्ज जुर्म बयाँ दर्ज मुजरिम हुस्न सूली गुनाह कुबूल इश्क शायरी


1308
अपने हर आहकी दास्तां अर्ज किया हैं हमने l
अपने हर जुर्मका बयाँ दर्ज किया हैं हमने ll

मुजरिम हुआ ऐ हुस्न, सूलीपें लटका दो मुझे l
गुनाह कुबूल हैं मुझे, तुमसे इश्क किया हैं हमने ll

मेरे गजल सुबूत हैं, देख लो ऐ दिलके मालिक l
अपने हर आँसूकी कीमत वसूल किया हैं हमने ll

तेरे दरपें मुझे कुछ न मिलेगा, ये जानकर भी l
इस दिलके सहारे तेरी बंदगी किया हैं हमने ll

1307 दिल अजीब रिश्ता धोखे शायरी


1307
कैसा अजीब रिश्ता हैं,
ये दिल आज भी
धोखेमें हैं...
और
धोखेबाज आज भी दिलमें....!!!

1306 प्रेम व्यवहार शायरी हैं हीं हां में मैं पें याँ आँ हूँ हाँ हें


1306
प्रेम कोई व्यवहार,
थोड़े ही ना हैं,
कि तू करे,
तो ही मैं करुँ ?

9 May 2017

1305 लिख पता ढूंढ अल्फाज़ शायरी


1305
आ, लिख दूं आज कुछ तेरे बारेमें...
मुझे पता हैं,
तू रोज ढूंढती हैं,
खुदको मेरे अल्फाज़ोमें . . . !

1304 दिल प्यार डर सहारे बात झूठे दिलासा शायरी


1304
वफ़ा करनेसे मुकर गया हैं दिल;
अब प्यार करनेसे डर गया हैं दिल !
अब किसी सहारेकी बात मत करना;
झूठे दिलासोंसे भर गया हैं अब यह दिल !!

1303 नादानगी हद्द सनम खोकर शायरी


1303
नादानगीकी हद्द तो देखो...,
मेरे सनमकी.......
मुझे खोकर आजकल,
मेरे जैसा ढूँढ रहीं हैं !

1302 साक़ी गिला शराब आँखें होश शायरी


1302
साक़ीको गिला हैं कि,
उसकी बिकती नहीं शराब...
और एक तेरी आँखें हैं कि,
होशमें आने नहीं देतीं...