5 February 2019

3871 - 3875 दिल मोहब्बत हकीकत तकदीर ख्वाहिशे जन्नत खूबसूरत कहानी बारिश ख़्वाब शायरी


3871
"ख़्वाबसे निकलकर,
हकीकतके मोड़पर;
तू कभी मुझसे मिल तो सही...
मोहब्बत ओढ़कर...!"

3872
मुझे मालूम हैं कि ये ख़्वाब झूठे हैं,
और ख्वाहिशे अधूरी हैं;
मगर जिन्दा रहनेके लिए,
कुछ गलतफहमियाँ भी जरूरी हैं...

3873
क्या पानीपे लिखी थी,
मेरी तकदीर मेरे मालिक...
हर ख़्वाब बह जाता हैं,
मेरे रंग भरनेसे पहले ही.......

3874
सितारोंसे भरी इस रातमें,
जन्नतसे भी खूबसूरत ख़्वाब आपको आये;
इतनी हसीन हो आने वाली सुबहकी,
मांगनेसे पहले ही आपकी हर मुराद पूरी हो जाये...

3875
एक ख़्वाबने आँखें खोली हैं,
क्या मोड़ आया हैं कहानीमें...!
वो भीग रही हैं बारिशमें,
और आग लगी हैं पानीमें...!!!

4 February 2019

3866 - 3870 दर्द आस जिंदगी शिकायत परिंदा राज आशियाँ जिगर अहसास नादान शैतान दिल शायरी


3866
हर पल मुस्कुराओ, बड़ी खास हैं जिंदगी;
क्या सुख क्या दुःख, बड़ी आस हैं जिंदगी;
ना शिकायत करो, ना कभी उदास हो;
जिंदा दिलसे जीनेका, अहसास हैं जिंदगी...!

3867
निकाल लाया हूँ,
पिंजरेसे इक परिंदा...
अब परिंदेके दिलसे,
पिंजरा निकालना हैं...!

3868
आशियाँ बस गया जिनका, उन्हें आबाद रहने दो;
पड़े जो दर्द भरे छाले, जिगरमें यूँ ही रहने दो;
कुरेदो ना मेरे दिलको, ये अर्जी हैं जहां वालों;
छिपा हैं राज अब तक जो, राजको राज रहने दो...।

3869
कर जाते हैं शरारत क्योंकि थोड़े शैतान हैं हम,
कर देते हैं ग़लती क्योंकि इंसान हैं हम,
ना लगाना हमारी बातोंको क़भी दिलसे,
आपको तो पता हैं ना कितने नादान हैं हम !

3870
हाले दिल बतानेकी जरूरत ही ना हो कभी,
बस बिन बोले ही कोई समझ जाए कभी,
ऐसी दिल्लगी हमे क्या नसीब होगी कभी...
                                                        भाग्यश्री

3861 - 3865 कसर मिज़ाज बात शख़्स कहानियाँ ग़म यार दिल शायरी


3861
छोडो ना यार...
क्या रखा हैं सुनने और सुनानेमें,
किसीने कसर नहीं छोङी,
दिल दुखानेमें...

3862
यूँ ही अपने मिज़ाजको,
चिड़चिड़ा कीजिये;
कोई बात छोटी करे तो,
दिल बड़ा कीजिये...

3863
संभालकर रखना उन्हे,
जो दिलमें उतर जाये;
और,
संभलकर रहना उनसे,
जो दिलसे उतर जाये...

3864
हम उसको सुनाते रहे,
ग़मकी कहानियाँ दोस्तों...
वो शख़्स कानसे नहीं,
दिलसे भी बहरा था...

3865
झुकना जरुर,
लेकिन सिर्फ उनके सामने;
जिनके दिलमें आपको,
झुकता देखनेकी जिद ना हो...

2 February 2019

3856 - 3860 रूह कब्जा अदा अरमान रिश्ता हद नजर आसन तन्हाई दस्तक दिल शायरीहैं


3856
कभी - कभी यूँ ही चले आया करो,
दिलकी दहलीजपर...
अच्छा लगता हैं,
यूँ तन्हाईयोंमें तुम्हारा दस्तक देना....!

3857
रुक जाती हैं नजर,
एक हदके बाद...
दिल करता हैं जहाँ तुम हो,
बस वहाँ तक देखूँ...!!!

3858
तेरे सिवा कोई भी नाम,
पसन्द नही दिलको;
कुछ इस तरहसे,
कब्जा किया हैं अदाओंने तेरी...!

3859
दिलमें हर किसीका अरमान नहीं होता,
हर कोई दिलका मेहमान नहीं होता,
एक बार जिसकी आरजू दिलमें बस जाती हैं,
उसे भुला देना इतना आसन नहीं होता...!

3860
रिश्ता हो तो,
रूहसे रूहका हो...
दिल तो अक्सर एक दूसरेसे,
भर जाया करते हैं.......!

30 January 2019

3851 - 3855 सौदा मुहब्बत यादें नाराज़ उदास मतलबी आँख धड़कन दिल शायरी


3851
जाने क्या था, जाने क्या हैं,
जो मुझसे छूट रहा हैं...
यादें कंकर फेंक रही हैं,
और दिल अंदर से टूट रहा हैं...

3852
उदास हूँ पर तुझसे नाराज़ नहीं,
तेरे दिलमें हूँ पर तेरे पास नहीं;
झूठ कहूँ तो सब कुछ हैं मेरे पास,
और सच कहूँ तो तेरे सिवा कुछ नहीं।

3853
सोचता हूँ,
अब खुदपर ही लगा दूँ इलज़ाम,
दिल मानता ही नहीं कि,
तुम मतलबी थे...!

3854
"क्या हुआ अगर हम किसीके,
दिलमें नहीं धड़कते...
आँखोंमें तो बहुत ही खटकते हैं...!"

3855
आओ कभी हमारे,
दिलके "डेरे" पर...
तुमसे मुहब्बतका,
"सच्चा सौदा" करना हैं.......

29 January 2019

3846 - 3850 प्यार ख्वाब हकीकत हाथ हथेली वादा किस्सा ख्वाहिश पलक आरजू दिल शायरी


3846
तुम्हारा हाथ पकडकर,
घूमनेको दिल करता हैं...
चाहे वो ख्वाबमें हो,
या हकीकतमें...!

3847
दिलमें,
रखा था तुझे,
बस जरासा...
दिल ही रख लेती...!

3848
लिख दूँ तेरे बाएँ हाथकी हथेलीपर,
कि मुझे तुझसे प्यार हैं...!
सुना हैं दिलसे जुड़ी होती हैं,
इस हाथकी नसें.......!

3849
वो एक तेरा वादा कि,
हम कभी जुदा ना होंगे...
वो किस्सा हम अपने दिलको सुनाकर,
अक्सर मुस्कुराते हैं.......!

3850
किसको ख्वाहिश हैं,
ख्वाब बनकर पलकोमें सजनेकी;
हम तो आरजू बनकर,
तेरे दिलमें बसना चाहते हैं.......

28 January 2019

3841 - 3845 प्यार तन्हाई मुकाम रेशम शिकायत याद तड़प ख्वाहिशें बारिश दिल शायरी


3841
बिना नक्शेके भी पंछी,
पहुँच जाते हैं अपने मुकाम तक...
एक हम इंसान हैं कि,
दिलसे दिलतक भी पहुँचनेमें,
नाकाम रहते हैं.......

3842
फ़क़त रेशमसी गांठे थी,
ज़रासा खोल लेते तुम ।
अगर दिलमें शिकायत थी,
जुबांसे बोल देते तुम...

3843
तेरी यादोंके जो आखिरी थे निशान,
दिल तड़पता रहा, हम मिटाते रहे...
ख़त लिखे थे जो तुमने कभी प्यारमें,
उसको पढते रहे और जलाते रहे.......

3844
आज फिर तन्हाई,
लग जा गले;
के तुझसे लिपटके रोनेको,
बहुत दिल हैं.......!

3845
कहाँ पूरी होती हैं,
दिलकी सारी ख्वाहिशें...
कि बारिश भी हो,
यार भी हो,
और पास भी हो.....

27 January 2019

3836 - 3840 रूह दाग़ दिमाग़ सच्चा रिश्ता जरुरत गहराई पत्थर यकीन दिल शायरी


3836
रूहपर भी,
दाग़ जाता हैं...
जब दिलोंमें,
दिमाग़ जाता हैं...!

3837
सच्चा रिश्ता वो हैं,
जिसकी शुरआत,
दिलसे हो,
जरुरतसे नहीं...

3838
कोई भी रिश्ता ना होनेपर भी,
जो रिश्ता निभाता हैं;
वो रिश्ता एक दिन दिलकी,
गहराईयोंको छू जाता हैं...

3839
लोग कहते थे की,
मेरा दिल पत्थरका हैं...
यकीन मानिये,
कुछ लोग इसे भी तोड़ गए...

3840
अक्सर हार जाती हूँ,
उन लोगोंसे...l
जिनके दिलमें भी,
दिमाग होता हैं...ll

26 January 2019

3831 - 3835 मोहोब्बत प्यार दर्द कुबूल जुबां एहसास बर्बाद याद चेहरे मुस्कान दिल शायरी


3831
दर्द हैं दिलमें, पर इसका एहसास नहीं होता,
रोता हैं दिल, जब वो पास नहीं होता l
बर्बाद हो गए हम उसके प्यारमें,
और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता ll

3832
उसकी यादोंको किसी कोनेमें छुपा नहीं सकता,
उसके चेहरेकी मुस्कान कभी भुला नहीं सकता l
मेरा बस चलता तो उसकी हर यादको भूल जाता,
लेकिन इस टूटे दिलको मै समझा नहीं सकता ll

3833
दुआ जुबांसे नही, दिलसे आती हैं,
क्यूकी उसकी भी कुबूल होती हैं,
जिसे जुबां नही होती.......!

3834
मत कर इतनी मोहोब्बत दिल,
प्यारका दर्द सेह पायेगा l
टूट जायेगा किसी दिन आपनोंके हाथोंसे,
किसने तोडा ये भी किसीसे कह पायेगा ll

3835
दर्द--दिल खुलके,
आज सुना दूँ सबको l
जी चाहता हैं कुछ ऐसा लिखूँ,
के रुला दूँ सबको ।।

25 January 2019

3826 - 3830 मुहब्बत अहसास दीवानगी ज़िद बेवजह सौदा दिल शायरी


3826
उन्होंने हमें आजमाकर देख लिया,
इक धोखा हमने भी खाकर देख लिया;
क्या हुआ हम हुए जो उदास,
उन्होंने तो अपना दिल बहलाके देख लिया...

3827
हमने पूछा, 
दीवानगी क्या होती हैं ?
वो बोले,
दिल तुम्हारा और हुक़ूमत...
हमारी.......!

3828
दिलको उनकी मौजूदगीका,
अहसास कुछ यूँ चाहिए...
कि जितनी दफ़ा हो ज़िद मेरी,
उतने दफ़ा वो चाहिए.......!

3829
छोड़ दिए हमने ऐतबार,
किस्मतकी लकीरोंपें...
जो दिलमें बस जाएँ वो,
लकीरोंमें नहीं मिला करते.......

3830
जब मुहब्बतमें थे,
तब खुश थे हम...
दिलका सौदा किया,
बेवजह किया.......