29 January 2019

3846 - 3850 प्यार ख्वाब हकीकत हाथ हथेली वादा किस्सा ख्वाहिश पलक आरजू दिल शायरी


3846
तुम्हारा हाथ पकडकर,
घूमनेको दिल करता हैं...
चाहे वो ख्वाबमें हो,
या हकीकतमें...!

3847
दिलमें,
रखा था तुझे,
बस जरासा...
दिल ही रख लेती...!

3848
लिख दूँ तेरे बाएँ हाथकी हथेलीपर,
कि मुझे तुझसे प्यार हैं...!
सुना हैं दिलसे जुड़ी होती हैं,
इस हाथकी नसें.......!

3849
वो एक तेरा वादा कि,
हम कभी जुदा ना होंगे...
वो किस्सा हम अपने दिलको सुनाकर,
अक्सर मुस्कुराते हैं.......!

3850
किसको ख्वाहिश हैं,
ख्वाब बनकर पलकोमें सजनेकी;
हम तो आरजू बनकर,
तेरे दिलमें बसना चाहते हैं.......

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