3711
रिश्ते कम बनाइये...
लेकिन उन्हे,
दिलसे निभाइये...!
अकसर लोग,
बेहतरकी तलाशमें,
बेहतरीन
खो देते हैं.......!!!
3712
आपको जाते हुए
देखके,
न सँभलेगा दिल,
उसको बातोंमें लगा
लूँ,
तो चले
जाईयेगा.......
3713
दिलमें कुछ,
यूँ सँभालता हूँ
ग़म...
जैसे ज़ेवर सँभालता
हैं कोई...।
3714
दिल मेरा तोड़के,
वो खुद
भी रोया करते
हैं...
ये उलझन हैं कैसी,
क्या वो
मुझीसे प्यार
करते हैं...!
3715
तज़ुर्बा
कहता हैं कि,
मुहब्बतसे किनारा कर लूँ...
और दिल कहता
हैं कि,
ये तज़ुर्बा दुबारा कर लूँ...!
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