19 January 2019

3796 - 3800 ज़माने ज़ज्बात सौदा माहिर कामयाब याद हकीकत दफन कब्र एहसास दिल शायरी


3796
सिमटते जा रहे हैं दिल,
और ज़ज्बातोंके रिश्ते...
सौदा करनेमें जो माहिर हैं,
बस वहीं कामयाब हैं.......!

3797
तुम भी अच्छे,
तुम्हारी याद भी अच्छी;
बुरे तो हम हैं,
जिनका दिल नहीं लगता तुम्हारे बिना...

3798
कई बार ये सोचके,
दिल मेरा रो देता हैं कि...
मुझे ऐसा क्या पाना था,
जो मैंने खुदको भी खो दिया...

3799
ज़मानेको बोल तो देता हूँ,
के भूल गया हूँ उसे...
पर हकीकत तो बस,
मुझे और मेरे दिलको पता हैं.......!

3800
दिलसे बड़ी कोई कब्र नही,
देखो ना.......
कोई ना कोई एहसास,
रोज दफन होता हैं.......!

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