3726
सुकून अपने दिलका मैने खो
दिया,
खुदको तन्हाईके समंदरमें डुबो दिया;
जो थी मेरे
कभी मुस्करानेकी
वजह,
उसकी कमीने
मेरी पलकोंको
भिगो दिया।
3727
दिल जब टूटता
हैं, तो आवाज़
नहीं आती...
हर किसीको
दोस्ती रास नहीं
आती;
यह तो अपने
अपने नसीबकी
बात हैं,
कोई भूलता ही नहीं
और...
किसीको याद
ही नहीं आती.......
3728
मैं नहीं जानता
ये मोहब्बत हैं...
या कुछ और...?
बस, तेरी मुस्कुराहट,
से दिलको
सूकून मिलता हैं.......!
3729
इक बे-क़रार
दिलसे,
मुलाक़ात
कीजिए...
जब मिल गए
हैं आप,
तो
कुछ बात कीजिए...!
3730
एक हसरत थी
की,
कभी वो
भी हमे मनाये...
पर ये कम्ब्खत
दिल,
कभी उनसे
रूठा ही नहीं...!
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