10 January 2019

3751 - 3755 इश्क जोश ख़ून दर्द मौसम गुलाम नवाब ख्वाहिशों नादान हसरत गुमान दिल शायरी


3751
हैं इश्क भी, जूनून भी,
मस्ती भी जोश--ख़ून भी...
कहीं दिलमें दर्द, कहीं आह सर्द,
कहीं रंग जर्द.......!

3752
मेरे दिलको कोई पढ सका...
और मैं खूद, खूदसे लढ सका.....

3753
मौसम बहुत सर्द हैं,
दिल,
चलो कुछ ख्वाहिशोंको...
आग लगायें.......!!!

3754
सिर्फ तेरे इश्ककी,
गुलामीमें हूँ आज भी;
वरना ये दिल,
एक अरसे तक नवाब रहा हैं...!

3755
इक छोटीसी ही तो हसरत हैं,
इस दिल-ए-नादानकी...
कोई चाह ले इस कदर,
कि खुदपर गुमान हो जाए...!!!

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