12 January 2019

3761 - 3765 मोहब्बत दीवाने चेहरे दर्द मासूम शख्स महफ़िल तन्हाई मिजाज अंदाज दिल शायरी


3761
दिल मेरा अब पहले सा,
मासूम नहीं रहा;
पत्थर तो नहीं बना लेकिन,
अब मोम भी नहीं रहा ...!!!

3762
मुझे रिश्तोंकी,
लम्बी कतारोंसे मतलब नहीं...
कोई दिलसे हो मेरा,
तो एक शख्स ही काफी हैं...!

3763
इस कदर मोहब्बतका,
जूनून मुझ दीवानेमें हैं...
कल ही जमानत हुई थी,
आज फिर दिल थानेमें है...!

3764
महफ़िलमें हँसना,
हमारा मिजाज बन गया l
तन्हाईमें रोना,
एक राज बन गया l
दिलके दर्दको चेहरेसे,
जाहिर होने दिया l
बस यही जिंदगी जीनेका,
अंदाज बना दिया ...ll

3765
बुजदिल हैं वो लोग,
जो मोहब्बत नहीं करते...
बहुत हौसला चाहिए,
बरबाद होनेके लिए.......!

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