4 January 2019

3721 - 3725 प्यार दुनिया ग़ैर अपने नज़र भरोसा तन्हाई मुस्करा गलती माफ़ दिल शायरी


3721
जब दिल,
ग़ैरोंसे लग जाए तो...
अपनोंमें,
कमियाँ नज़र आने ही लगती हैं...!

3722
उसने कहांभरोसा दिलपर इतना नहीं करते”,
मैने कहांप्यारमें कभी सोचा नहीं करते”;
उसने कहांबहुत कुछ दुनियाके नजरोंमें हैं”,
मैंने कहांजब तुम साथ हो तो हम कुछ और देखा नहीं करते” !

3723
मैं हूँ,
दिल हैं,
तन्हाई हैं, 
तुम भी जो होते,
तो अच्छा होता...।

3724
मेरे दिलसे उसकी,
हर गलती माफ़ हो जाती हैं,
जब वो मुस्कराके पूछती हैं...
"नाराज़ हो क्या"।।

3725
मैं सबका दिल रखता हूँ...
और सुनों...
मैं भी एक दिल रखता हूँ...!

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