3 August 2019

4566 - 4570 मोहब्बत रिश्ते जिंदगी साँस बेकरार मर्ज़ नजर आँख धड़कन उसूल नाम शायरी


4566
रिश्तेका नाम,
जरूरी नहीं होता...
कुछ बेनाम रिश्ते,
रुकी जिंदगीको साँस देते हैं...

4567
उनका नाम ही हैं,
जो सम्भाले हुए हैं मुझको...
कि बेकरार होकर भी,
बरकरार हुँ मैं...

4568
हर मर्ज़का इलाज़,
मिलता था उस बाज़ारमें...
मोहब्बतका नाम लिया,
दवाख़ाने बन्द हो गये...

4569
तेरीनशे वाली आँखोंका,
बड़ा नाम हैं...
आज नजरोंसे पिला दो,
हम तो वैसे भी बदनाम हैं...

4570
धड़कन हर किसीके नामसे,
तेज नही होती जनाब...
धड़कनके भी कुछ,
उसूल होते हैं...

2 August 2019

4561 - 4565 सजदा मोहब्बत मुस्कुरा नजर शराब गुफ्तगू रिश्ते बात धड़कन उसूल शौक नाम शायरी


4561
सजदा कहूँ या,
कहूँ इसे मोहब्बत...
तेरे नामका अक्षर भी,
मैं मुस्कुराकर लिखता हूँ...!

4562
नाम तेरा लिखा,
तो उंगलियाँ गुलाब हुई...
हुई नजरोंसे गुफ्तगू,
तो अखियाँ शराब हुई...!

4563
रिश्ता नहीं हैं,
दोनोंको फिर भी बांधे कोई डोर हैं;
इसको क्या नाम दे हम,
यह बात कुछ और हैं...!

4564
हर किसीके नामसे,
तेज हीं होती...
धड़कनके भी कुछ,
उसूल होते हैं.......!

4565
गुनगुनाती हो,
छुपके मेरा नाम...
शौक तुम भी,
क्या लाजवाब रखती हो...!

4556 - 4560 रूह जिस्म जिंदगी औक़ात जुबां वादा इजहार प्यार फ़िदा कुर्बान इश्क़ शायरी


4556
इक रूहने जाते हुए,
ये जिस्मसे कहा...
ले देखले अब तेरी,
क्या औक़ात रह गई...!

4557
जिसकी रूहमें,
बस गया हो कोई...
उसकी नज़दीकियोंके,
मायने ना पूछिये...!

4558
सिर्फ जुबांसे किया हुआ ही वादा नहीं होता,
बार-बार इजहारसे प्यार ज्यादा नहीं होता;
मुझे जानना हैं तो मेरी रूहमें समा जाओ,
सिर्फ कनारेसे समंदरका अंदाजा नहीं होता...!

4559
हुस्नकी मल्लिका हो,
या साँवली सी सूरत...
इश्क़ अगर रूहसे हो,
तो हर चेहरा कमाल लगता हैं...!

4560
इश्क़ और दोस्ती मेरे दो जहांन हैं,
इश्क़ मेरी रूह, तो दोस्ती मेरा ईमान हैं;
इश्क़ पर तो फ़िदा कर दू अपनी पूरी जिंदगी,
पर दोस्ती पर, मेरा इश्क़ भी कुर्बान हैं...!

1 August 2019

4551 - 4555 ताल्लुक ख्वाहिशें लिबास रिश्ता बात जिंदगी कातिल सादगी फ़िक्र रूह शायरी


4551
ताल्लुक हो तो,
रूहसे रूहका हो;
दिल तो अकसर,
एक दूसरेसे भर जाया करते हैं...

4552
यूँ झाँको इस कदर,
मेरी रूहके अन्दर...
कुछ ख्वाहिशें मेरी,
वहाँ बे-लिबास रहती हैं...!

4553
काली रातोंको भी,
रंगीन कहा हैं मैंने;
तेरी हर बातपे,
आमीन कहा हैं मैंने...
एक तू ही तो हैं,
हमसाया जिंदगीका मेरी;
वरना यहां तो हर रिश्ता,
मेरी रूहका कातिल हैं...!

4554
ये सोचकर हमने,
ख़ुदको बेरंग रखा हैं...
सुना हैं सादगी ही,
रिश्तोकी रूह होती हैं...!

4555
करूँ क्यों फ़िक्र की,
मौतके बाद जगह कहाँ मिलेगी...
जहाँ होगी महफिल मेरे यारोकी,
मेरी रूह वहाँ मिलेगी.......!

30 July 2019

4546 - 4550 फ़ितरत रोशनी आसमाँ आँख वक़्त और हालात ताल्लुक चाँद शायरी


4546
तो फ़ितरत चाँद कि,
आज ज़ाहिर हो गयी...
बदलते रंगो कि रोशनी उसकी,
खुली आँखोसे देख ली...।

4547
कुछ तुम कोरे कोरेसे,
कुछ हम सादे सादेसे
एक आसमाँपर जैसे,
दो चाँद आधे आधेसे।।

4548
वक़्त और हालातपर,
किसका बस चल सकता हैं;
देखो पूनमके चाँदको भी,
जब ग्रहण लग सकता हैं...

4549
जाने क्या बात खली चाँदको,
कलका पुनम चाँद आज घने बादलोंमें छुप गया...
इतना की सामने आनेकी जिदसे,
गहरा छुप गया.......
भाग्यश्री

4550
काश तू आकाश होता,
तेरा हर ठिकाना मुझपे ही लुटा देता...
काश तू समंदर होता,
अपनी सारी मौज मुझपे लुटा देता...
काश तू चाँद होता,
कभी तो अपनी सारी रोशनी मुझपे ही लुटा देता...
                                                             भाग्यश्री

29 July 2019

4541 - 4545 बादल जुल्फें चेहरे किरदार दाग रोशनी तारा फर्क मुकद्दर तन्हा चाँद शायरीहैं


4541
लो छिप गया,
चाँद बादलोंमें...
जरूर जुल्फें,
उनके चेहरेपर आयी होंगी...!

4542
चलो,
चाँदका किरदार अपना लेते हैं;
दाग अपने पास रखे,
और रोशनी बाँट दते हैं.......!

4543
मुझको ज़रासे चाँदने,
इतना सिखा दिया...
जो देगा रौशनी,
उसे ज़िंदा कहेंगे सब...!

4544
आज टूटा एक तारा देखा,
बिलकुल मेरे जैसा था l
चाँदको कोई फर्क नहीं पड़ा,
बिलकुल तेरे जैसा था.......ll

4545
मेरा और उस चाँदका,
मुकद्दर एक जैसा हैं...
वो तारोंमें तन्हा हैं,
और मैं हजारोंमें तन्हा...

27 July 2019

4536 - 4540 खुशियाँ तलब अश्क मतलब फजूल वफा गैर दौर ईमान रिश्ता मतलब शायरी


4536
ये ना समझना कि,
सिर्फ खुशियोंके ही तलबगार हैं हम...
तुम अगर अश्क भी बेचो,
तो उसके भी खरीदार हैं हम...!

4537
बेमतलब... बेफजूल...
बेकार नहीं हैं...
नये दौरके रिश्तें हैं साहब...
बस वफादार नहीं हैं.......

4538
कुछ गैर ऐसे मिले,
जो मुझे अपना बना गए...
कुछ अपने ऐसे निकले,
जो गैरका मतलब बता गए...!

4539
कीमती  हैं सिक्के,
ईमान सस्ता हैं;
यहां रिश्तोंका मतलब ही,
मतलबका रिश्ता हैं.......

4540
मुझे हीं मतलब,
कौन किसके साथ कैसा हैं...
जो मेरे साथ अच्छा हैं,
वो मेरे लिए अच्छा हैं...

26 July 2019

4531 - 4535 ज़िन्दगी उलझन चैन मुस्कुरा रुखसार दौलत हुस्न लत ज़िक्र सुकून मतलब शायरी


4531
जहाँ भी ज़िक्र हुआ,
सुकूनका...
वहीं तेरी बाहाेंकी तलब,
लग जाती हैं.......!

4532
तलब उठती हैं बार बार,
तुमसे बात करनेकी...
धीरे धीरे ना जाने कब,
तुम मेरी लत बन गए...!

4533
अब मैं समझा,
तेरे रुखसारपे तिलका मतलब...
दौलत--हुस्नपे,
दरबान बैठा रखा हैं.......!

4534
कोई सुलह करा दे,
ज़िन्दगीकी उलझनोंसे...
बड़ी तलब लगी हैं की,
चैनकी नींद सो जाऊं...!

4535
सुलह करा दे,
ज़िन्दगीकी उलझनोंसे...
बड़ी तलब लगी हैं,
आज मुस्कुरानेकी...

24 July 2019

4526 - 4530 दिल इश्क ज़िन्दगी मुराद चाहत आसमां इंतेहा पलक ख़्वाहिश मतलब शायरी


4526
ना चाँदकी चाहत हैं,
ना तारोंकी फरमाहिश हैं...
हर जन्ममें आपका साथ मिले,
बस यही मेरी ख़्वाहिश हैं...!

4527
ये ज़िन्दगी लगने देना,
इश्ककी तलब;
मै जीना चाहता हूँ,
भीड़से अलग.......

4528
तुझे पलकोंपे बिठानेको जी चाहता हैं,
तेरी बाहोंसे लिपटनेको जी चाहता हैं l
खूबसूरतीकी इंतेहा हैं तू,
तुझे ज़िन्दगीमें बसानेको जी चाहता हैं ll

4529
दिल चाहता हैं,
तेरी हर मुराद पूरी हो...
शायद उस मुरादमें,
मेरा भी नाम हो...!

4530
कूछ तो चाहत होंगी,
इन बूंदोंकी भी...
वरना,
कौन गिरता इस जमीनपर,
आसमां तक पहूंच कर.......!