30 July 2019

4546 - 4550 फ़ितरत रोशनी आसमाँ आँख वक़्त और हालात ताल्लुक चाँद शायरी


4546
तो फ़ितरत चाँद कि,
आज ज़ाहिर हो गयी...
बदलते रंगो कि रोशनी उसकी,
खुली आँखोसे देख ली...।

4547
कुछ तुम कोरे कोरेसे,
कुछ हम सादे सादेसे
एक आसमाँपर जैसे,
दो चाँद आधे आधेसे।।

4548
वक़्त और हालातपर,
किसका बस चल सकता हैं;
देखो पूनमके चाँदको भी,
जब ग्रहण लग सकता हैं...

4549
जाने क्या बात खली चाँदको,
कलका पुनम चाँद आज घने बादलोंमें छुप गया...
इतना की सामने आनेकी जिदसे,
गहरा छुप गया.......
भाग्यश्री

4550
काश तू आकाश होता,
तेरा हर ठिकाना मुझपे ही लुटा देता...
काश तू समंदर होता,
अपनी सारी मौज मुझपे लुटा देता...
काश तू चाँद होता,
कभी तो अपनी सारी रोशनी मुझपे ही लुटा देता...
                                                             भाग्यश्री

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