4481
जिसमें तू नहीं,
वो तमन्ना अधूरी
हैं,
तू जो मिल
जाएं, तो जिंदगी
पूरी हैं...
तेरे साथ जुड़ी हैं खुशियाँ,
बाकी सबके साथ
हंसना तो मजबूरी हैं...
4482
एक मुद्दतसे हम
हैं,
उसकी तमन्नामें बेताब...
वो चाँद जो
आँगनमें.....
उतरता
ही नही हैं.......
4483
तुझे पानेकी
तमन्ना हैं,
बस
और कुछ नहीं
चाहिए...
बता कहाँ कहाँ
सजदा करूँ की,
तु मिल जाए
मुझे.......!
4484
तलब ये हैं कि,
मैं सर
रखूँ तेरे सीनेपे...
और तमन्ना ये कि,
मेरा नाम पुकारे
धड़कनें तेरी...!
4485
तमन्ना छोड़ देते
हैं,
इरादा छोड़
देते हैं।
चलो एक दूसरेको फिरसे,
आधा छोड़ देते
हैं...।।
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