3 August 2019

4566 - 4570 मोहब्बत रिश्ते जिंदगी साँस बेकरार मर्ज़ नजर आँख धड़कन उसूल नाम शायरी


4566
रिश्तेका नाम,
जरूरी नहीं होता...
कुछ बेनाम रिश्ते,
रुकी जिंदगीको साँस देते हैं...

4567
उनका नाम ही हैं,
जो सम्भाले हुए हैं मुझको...
कि बेकरार होकर भी,
बरकरार हुँ मैं...

4568
हर मर्ज़का इलाज़,
मिलता था उस बाज़ारमें...
मोहब्बतका नाम लिया,
दवाख़ाने बन्द हो गये...

4569
तेरीनशे वाली आँखोंका,
बड़ा नाम हैं...
आज नजरोंसे पिला दो,
हम तो वैसे भी बदनाम हैं...

4570
धड़कन हर किसीके नामसे,
तेज नही होती जनाब...
धड़कनके भी कुछ,
उसूल होते हैं...

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