26 August 2019

4651 - 4655 दिल याद फिर्याद जिंदगी किस्से उम्र महसूस अल्फ़ाज कमाल बात खामोश शायरी


4651
हर ख़ामोशीमें एक बात होती हैं,
हर दिलमें एक याद होती हैं;
आपको पता हो या ना हो पर...
आपकी ख़ुशीके लिए रोज़ फिर्याद होती हैं !

4652
समेटकर रखे ये कोरे पन्ने,
एक रोज बिखर जाएंगे...
जिंदगी तेरे किस्से खामोश रहकर,
भी बयाँ हो जायेंगे.......!


4653
एक उम्र ग़ुज़ारी हैं हमने,
उनकी ख़ामोशी पढते हुए...
एक उम्र गुज़ार देंगे,
उन्हे महसूस करते हुए...!

4654
मिलो कभी इस ठंडमें,
चायपर कुछ किस्से बूनेंगे...
तुम खामोशीसे कहना,
और हम चुपचाप सुनेंगे...!

4655
ये जो ख़ामोशसे,
अल्फ़ाज लिखे हैं ना;
पढ़ना कभी ध्यानसे,
ये चीखते कमालके हैं...!

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