4621
तु बोले या
ना बोले,
तेरे बोलनेका गम नही;
तु एक बार
मुस्कुरा दे,
सौ बार बोलनेसे कम नही...
4622
तुम आसपास
मेहसुस होती हो,
तो मुस्कुराता हूँ...!
और फिर हकीकतसे,
हार जाता
हूँ.......!!!
4623
राज़ मुहब्बतका,
छुपा
रहा हैं कोई...
हैं अश्क़ आँखोंमें और,
मुस्कुरा
रहा हैं कोई...
4624
किसीने हमसे
कहा,
इश्क़ धीमा ज़हर
हैं...
हमने मुस्कुराके कहा,
हमें भी जल्दी
नहीं हैं...!
4625
वक़्त, बेवक़्त, बेहिसाब,
याद
आता हैं कौई...
यूँ ज़ख्म मुझे देके,
मुस्कुराता हैं कौई...!
No comments:
Post a Comment