31 August 2019

4666 - 4670 ज़िंदगी दुनिया अजीब रस्म मोहब्बत नफरत दस्तूर जालिम जुदाई प्यार शायरी


4666
अजीब रस्म हैं दुनियाकी,
कहते हैं सबसे मिल जुलकर रहो,
प्यार मोहब्बतसे रहो...
और जब किसीसे प्यार हो जाये,
तो कहते हैं इन सबसे दूर रहो...

4667
कुछ लोग तो आपसे,
सिर्फ इसलिए भी नफरत करते हैं...
क्योंकि...
बहुत सारे लोग, आपसे प्यार करते हैं...!


4668
ज़िंदगीमें कभी प्यार करनेका मन हो तो,
अपने दुखोंसे प्यार करना,
क्योंकि...
दुनियाका दस्तूर हैं,
जिसे जितना चाहोगे उसे उतना दूर पाओगे...

4669
काश यह जालिम जुदाई होती l
खुदा तूने यह चीज़ बनायीं होती l
हम उनसे मिलते प्यार होता l
ज़िन्दगी जो अपनी थी वो परायी होती...ll

4670
मैने कहां बहुत प्यार
आता हैं तुमपर !
वो मुस्कुराकर बोले,
और आता ही क्या हैं तुम्हे...!

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