4661
यूँ ही थामे
रहना प्यारसे
हमें,
क्योंकि...
जो छूटे तुझसे,
तो टूट जाएंगे
हम...
4662
तुम नफरतका
धरना,
कयामत तक
जारी रखो;
मैं प्यारका इस्तीफा,
ज़िंदगीभर नहीं दूंगा...
4663
मुझे तेरे प्यारमें,
ऐसी ज़बरदस्ती
चाहिए...
जो मैं छोडूँ
हाथ तेरा तो,
तू बाँहोको
थाम ले....
4664
कुछ बातें कह दी
जायें,
तो मुनासिब हैं;
कि प्यार हो या
नफरत,
ज़ाहिर हो जाये
तो अच्छा हैं...
4665
छलकता हैं कुछ,
इन आँखोंसे
रोज़...
कुछ प्यारके कतऱे
होते हैं,
कुछ
दर्द़के लम्हें.......
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