8 December 2017

2051 - 2055 इश्क प्यार रूह आँखे दुनियाँ याद एहसास सुकून जिन्दगी ख़ुशी ख्वाहिश कबूल जिस्म तमन्ना दुआ शायरी


2051
जागना भी कबूल हैं,
तेरी यादोंमें रातभर,
तेरे एहसासोंमें जो सुकून हैं,
वो नींदमें कहां .......

2052
दुआ करनी तो नहीं आती,
मगर यह ख्वाहिश हैं बस...
जहाँ साया भी उनका हो
वहांपर गम न आये...!

2053
तेरे प्यारमें दो पलकी जिन्दगी बहोत हैं,
एक पलकी हंसी और एक पलकी ख़ुशी बहोत हैं;
ये दुनियाँ मुझे जाने या ना जाने,
तेरी आँखे मुझे पहेचाने ये बहोत हैं !

2054
तमन्ना होती तेरे जिस्मकी
तो छीन लेते दुनियाँसे,,,
इश्क हैं तेरी रूहसे इसलिए,
खुदासे मांगते हैं तुझे।

2055
ना छेड़ किस्सा-ए-उल्फतका,
बड़ी लम्बी कहानी हैं...
मैं गैरोंसे नहीं हारा,
किसी अपनेकी मेहरबानी हैं.......

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