2101
उनको गुजरते देखा,
तो आँखें बंद करली हमने...
पायलकी झंकार क्या उठी,
आँखोंने बगावत कर दी.......
2102
आँखोंके जादुसे,
अभी तुम कहाँ वाकिफ हो ,
हम उसे भी जीना सिखा देते हैं
जिसे मरनेका शौक हो ।
2103
मोहब्बत खो गयी मेरी,
बेवफ़ाईके दलदलमें,
मगर इन पागल आँखोंको,
आज भी उनकी तलाश रहती हैं...
2104
ना करवटें थी
ना बेचैनियाँ थी
क्या गज़बकी नींद थी
मोहब्बतसे पहले...
2105
लब ये ख़ामोश रहेंगे,
ये तो वादा हैं मेरा,
कुछ अगर कह दें निगाहें,
तो ख़फा मत होना.......
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