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लाख़ बहाने होते हैं,
ख़ुश रहनेक़े...
पर तुम बिन ख़ुश रहनेक़ा,
एक़ बहाना नही मिलता हैं.......
7497सताया आज़,मुनासिब ज़गहपे बारिशने...इसी बहाने ठहर जाएँ,उसक़ा घर हैं यहाँ......!!!इक़बाल अशहर
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क़ौन क़हता हैं दिल पागल हैं,
पागलपन तो सिर्फ एक़ बहाना हैं !
एक़ बार हंसक़र मुस्कुराक़र तो देख़ो,
ये पागल तुम्हारा दीवाना हैं.......!!!
7499तू दिल मेरा लेक़र,ज़ाती हैं तो ज़ा...मगर क़ोई ख़ूबसूरतसा,बहाना ज़ीनेक़े लिए दे ज़ा...
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क़रुं ना याद मग़र,
क़िस तरह भुलाऊँ उसे...
ग़ज़ल बहाना क़रुं औऱ,
गुनगुनाऊँ उसे.......!!!
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