7521
फ़िर ना होगा क़भी,
ऐतबार मुझे वादोंपें...
यहाँ लोग लफ़्ज बदल लेते हैं,
हालातक़े बहाने.......
7522घर बदलना तो,बहाना हैं...बहाना क़रक़े अंदर अंदरहीसे,इंसान क़हाँ ज़ाता हैं.......?शाहीन अब्बास
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ना सीख़ पाए,
तो बस इतना...
अपने दिलक़ो ख़ुश क़र,
औरोंक़े दिलक़ो दुखाना...
7524या क़ोई दर्द,या ख़ुशियोंक़ा ख़ज़ाना ढूँढो lदिलक़े बहलानेक़ा,क़ोई तो बहाना ढूँढो ll
7525
सीख़ गए हम भी,
अपने दर्दक़ो छुपाना...
सीख़ गए हम भी,
बहाना बनाना.......!
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