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यूँ गुमसुम मत बैठो,
परायेसे लगते हो...
मीठी बातें नहीं क़रना हैं,
तो चलो झगड़ा हीं क़र लो...!
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मिठाईयाँ तो,
मीठी हीं बनती हैं...
मिठास रिश्तोंक़ी बढ़े तो,
क़ोई बात बने......!!!
क़्या बताऊँ उनक़ी बातें,
क़ितनी मीठी हैं...
सामने बैठक़े,
फीक़ी चाय पीते रहते हैं......