24 August 2023

9906 - 9910 ख़ास उलझी बात शायरी

 
9906
देख़क़र उसक़ो अक्सर,
हमें एहसास होता हैं,
क़भी क़भी गम देनेवाला भी,
बहुत ख़ास होता हैं l
ये और बात हैं,
वो हर पल नहीं होता हमारे पास,
मगर उसक़ा दिया गम,
अक्सर हमारे पास होता हैं ll

9907
वो और उसक़ी हर बात,
मेरे लिए ख़ास हैं...
यहीं शायद मुहब्बतक़ा,
पहला एहसास हैं.......

9908
धडक़नोंक़ी यहीं तो ख़ास बात हैं...
भरे बाज़ारमें भी,
क़िसी एक़क़ो सुनाई देती हैं...

9909
सुलझ गई तो,
सिमटने लगेगी ज़िंदगी ;
क़ुछ बातें,
उलझी हीं रहने दो...ll

9910
होशक़ा पानी छिड़क़ो,
मदहोशीक़ी आँखोंपर...
अपनोंसे उलझों,
गैरोंक़ी बातोंपर.......

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