16 March 2017

1095 दिल मौसम कोहराम हवा बदल नाम शायरी


1095
"कोहराम मचा रखा हैं सर्द हवाओंने...
और एक तुम्हारे दिलका मौसम हैं,
जो बदलनेका नाम ही नहीं लेता...!"

1094 कलम सहारे उतर कागज ख्याल कमबख़्त जिद्दी शायरी


1094
उतर ही आते हैं,
कलमके सहारे,
कागजपर तेरे ख्याल..!
कमबख़्त ये जिद्दी बहुत हैं !!!

1093 यादें बातें साथ पास शायरी


1093
इतनी यादें तेरी,
पर तू मेरे पास ही नहीं,
इतनी बातें हैं करनेको,
पर तू साथ नहीं...

1091 धड़कने टूट बिखर बेहिसाब याद शायरी


1091
धड़कने टूटकर बिखर जाती हैं…
जब तुम बेहिसाब याद आते हो।

1092 दिल हार जीत शायरी


1092
मुझे कहांसे आएगा,
लोगोंका "दिल" जीतना...
मैं तो अपना भी,
"हार" बैठा हुँ...!

1090 मुहब्बत सिलसिला अजीब अपना बना शायरी


1090
उसकी मुहब्बतका सिलसिला भी,
क्या अजीब हैं . . .
अपना भी नहीं बनाती और
किसीका होने भी नहीं देती . . . !

15 March 2017

1089 मिलावट इश्क इत्र शराब महक बहक शायरी


1089
मिलावट हैं तेरे इश्कमें,
इत्र और शराबकी...,
वरना हम कभी महक,
तो कभी बहक क्यों जाते...!

1088 मिलावट इश्क इत्र शराब महक बहक शायरी


1088
छोटासा तालिका हैं
मेरी "ख़्वाहिशों" का l
पहले भी "तुम" और
आख़िरी भी "तुम" ll

1087 प्यार सोच ठुकरा शायरी


1087
मेरे जितना प्यार तुमसे किया हैं,
उतना किसीसे नहीं किया होगा,
अगर इसे ठुकराओगे तो
सोच लो क्या होगा

1086 मोहब्बत बातें अधूरी बता समझ शायरी


1086
मोहब्बतकी आजतक बस,
दो ही बातें अधूरी रही...
इक मैं तुझे बता नहीं पाया,
और दूसरी तूम समझ नहीं पाये…

13 March 2017

1085 आदत बेबस फूल खुशबू सजा शायरी


1085
हम तो फूलोंकी तरह,
अपनी आदतसे बेबस हैं...
तोडनेवालेको भी,
खुशबूकी सजा देते हैं...!!!

1084 खुशियाँ तकदीर तस्वीर मुस्कुरा शायरी


1084
खुशियाँ तो,
तकदीरमें होनी चाहिये l
तस्वीरोंमें तो,
हर कोई मुस्कुराता हैं...ll

1083 नजदीक जिन्दगी भरोसा कहना बताया शायरी


1083
रखा करो नजदीकीयाँ,
जिन्दगीका कुछ भरोसा नहीं ...
फिर कहना चले भी गये,
और बताया भी नहीं

1082 ज़िन्दगी साँस यकीन बदल शायरी


1082
तुम्हारे बदल जानेपर,
मुझे आज भी यकीन नहीं आता l
ज़िन्दगी साँस लेनेको मना कर दे,
यह कौन मानेगा...?

1081 ज़िंदगी मंज़िल डर रास्ते परेशानि टूट ज़रूरत भूल शायरी


1081
मंज़िलोंसे अपनी डर ना जाना,
रास्तेकी परेशानियोंसे टूट ना जाना,
जब भी ज़रूरत हो ज़िंदगीमें किसी अपनेकी,
हम आपके अपने हैं ये भूल ना जाना...

12 March 2017

1079 परिंदा मंजिल लोग खामोश हुनर बोल शायरी


1079
मिलेगी परिंदोंको मंजिल,
ये उनके पर बोलते रहते हैं, 
कुछ लोग खामोश हैं लेकिन
उनके हुनर बोलते हैं…

1080 रिश्ते मुश्किल पानी आसान लिख मिट्टी शायरी


1080
रिश्ते बनाना इतना आसान होता हैं,
जैसे ''मिट्टी'' से ''मिट्टी'' पर ''मिट्टी'' लिखना ॥
लेकिन... 
रिश्ते निभाना उतना ही मुश्किल होता हैं,
जैसे ''पानी'' पर ''पानी'' से ''पानी'' लिखना ॥

1078 मुसीबत शख्सियत यार उभर झरना काम चट्टान उलझ शायरी


1078
"मुसीबतौंसे ही उभरती हैं,
शख्सियत यारों...
जो चट्टानोंसे उलझे,
वो झरना किस कामका...."

1077 उम्र कैद रिहाई मुमकिन जमानत रिश्ते शायरी


1077
उम्र कैदकी तरह होते हैं,
कुछ रिश्ते,
जहाँ जमानत देकर भी,
रिहाई मुमकिन नहीं !!!

1076 ज़िंदगी हस्ती मिट आशियाँ मुस्किल समझा अपना बना पल शायरी


1077
हस्ती मिट जाती हैं,
आशियाँ बनानेमें,
बहुत मुस्किल होती हैं
अपनोंको समझानेमें,
एक पलमेंमे किसीको
भुला ना देना,
ज़िंदगी लग जाती हैं,
किसीको अपना बनानेमें...