17 March 2017

1096


कहने को खुली किताब हूँ मैँ  !
मगर सच कहूँ तो एक राज़ हूँ मैँ,
सब को लगता है...
लहर हूँ,
नदी हूँ,
या समन्दर हूँ मैँ,
मगर सच कहूँ तो बस...
प्यास हूँ मैँ ! ! !

16 March 2017

1095


"कोहराम मचा रखा है सर्द हवाओं ने...
और एक तुम्हारे दिल का मौसम है,
जो बदलने का नाम ही नही लेता...!"

1094


उतर ही आते है,
कलम के सहारे,
कागज पर..!
तेरे ख्याल…
कमबख़्त ये जिद्दी बहुत है !!

1093


इतनी यादें तेरी
पर तू मेरे पास ही नही,
इतनी बातें हैं करने को
पर तू साथ नही...

1092


मुझे कहाँ से आएगा
लोगो का "दिल" जीतना...
मै तो अपना भी
"हार" बैठा हुँ...!

1091


धड़कने टूटकर बिखर जाती है…
जब तुम बेहिसाब याद आते हो।

1090


उसकी मुहब्बत का सिलसिला भी
क्या अजीब है . . .
अपना भी नहीं बनाती और
किसी का होने भी नहीं देती . . . !

15 March 2017

1089


मिलावट है तेरे इश्क में,
इत्र और शराब की...,
वरना हम कभी महक,
तो कभी बहक क्यों जाते...!

1088


छोटासा तालिका है
मेरी "ख़्वाहिशों" का l
पहले भी "तुम" और
आख़िरी भी "तुम" ll

1087


मेरे जितना प्यार तुमसे
किसी से नही किया होगा,
अगर इसे ठुकराओगे तो
सोच लो क्या होगा

1086


मोहब्बत की आजतक बस
दो ही बातें अधूरी रही,
इक मै तुझे बता नही पाया,
और दूसरी तूम समझ नही पाये…

13 March 2017

1085

हम तो फूलों की तरह
अपनी आदत से बेबस हैं...
तोडने वाले को भी
खुशबू की सजा देते हैं...!!!

1084


खुशियां तो
तकदीर में होनी चाहिये,
तस्वीरों में तो,
हर कोई मुस्कुराता है...

1083


रखा करो नजदीकीयाँ
जिन्दगी का कुछ भरोसा नहीं ...
फिर कहना चले भी गये
और बताया भी नहीं

1082


तुम्हारे बदल जाने पर
मुझे आज भी यकीन नहीं आता,
ज़िन्दगी सांस लेने को मना कर दे,
यह कौन मानेगा...

1081


मंज़िलो से अपनी डर ना जाना,
रास्ते की परेशानियों से टूट ना जाना,
जब भी ज़रूरत हो ज़िंदगी मे किसी अपने की,
हम आपके अपने है ये भूल ना जाना...

12 March 2017

1080


रिश्ते बनाना इतना आसान होता है
जैसे ''मिट्टी'' से ''मिट्टी'' पर ''मिट्टी'' लिखना ॥
लेकिन... 
रिश्ते निभाना उतना ही मुश्किल होता है 
जैसे ''पानी'' पर ''पानी'' से ''पानी'' लिखना ॥

1079


मिलेगी परिंदों को मंजिल,
ये उनके पर बोलते  रहते हैं, 
कुछ लोग खामोश  है लेकिन
उनके हुनर बोलते हैं…

1078


"मुसीबतौं से ही उभरती है
शख्सियत यारों
जो चट्टानों से उलझे
वो झरना किस काम का...."

1077


उम्र कैद की तरह होते है
कुछ रिश्ते ,
जहा जमानत देकर भी
रिहाई मुमकिन नही !!!