28 April 2017

1265 होठ उगलियाँ लिख दिन शायरी


1265
कोई होंठोंपें,
उगलियाँ रख गया था,
उसी दिनसे,
मैं लिखकर बोलता हूँ . . . !

1264 दिल दर्द आईना रिश्वत हँसता चेहरा शायरी


1264
आईना फिर आज,
रिश्वत लेते पकड़ा गया...
दिलमें दर्द था, फिरभी...
चेहरा हँसता हुआ दिखाई दिया...!

1262 दिल मोहब्बत ज़िन्दगी हासिल शायरी


1262
मोहब्बत दिलमें कुछ ऐसी होनी चाहिये...
की हासिल भले दुसरेको हो,
पर कमी उसको ज़िन्दगीभर,
अपनी होनी चाहिये...!

1263 मोहब्बत इश्क अलफाज खुबसूरत इशारा पहचान पत्थर ताज महल शायरी


1263
इशारोंमें होती मोहब्बत अगर,
इन अलफाजोंको खुबसूरती कौन देता,
बस पत्थर बनके रह जाता ‘ताज महल’,
अगर इश्क इसे अपनी पहचान ना देता...

1261 दिल रिश्ते निभाने वास्ता रास्ता शायरी


1261
नहीं छोड़ी कमी,
किसीभी रिश्तेको निभानेमें हमने...
आनेवालेको दिलका रास्ता भी दिया हमने... और...
जानेवालेको रबका वास्ताभी दिया हमने...

27 April 2017

1260 नकाब पर्दा कयामत यकीन शायरी


1260
नकाब कहती हैं,
मैं पर्दा-ए-कयामत हूँ,
अगर यकी न हो तो,
देखलो उठाके मुझे . . .

1259 दिल वहम आहट दिन काट याद शायरी


1259
तेरे आनेकी आहट. . .
और मेरे दिलका वहम...
बस दोनों मिलकर एक यादों भरा,
दिन काट लेते हैं . . .

1257 लिखते हाथ रुक लम्हे याद भूल साथ दोस्त शायरी


1257
लिखते लिखते आज हाथ रुक से गए ,
कुछ लम्हे याद आये कुछ भूल से गए ,
जो साथ ना होकर भी साथ हो हमारे ,
ऐसे दोस्त कहाँ खो से गए ???

1258 समझ वफा मिट्टी लोग कागज टुकडे बिक शायरी


1258
समझ नहीं आता,
वफा करें तो किससें करें...
मिट्टीसें बने ये लोग,
कागजके टुकडोंपें बिक जाते हैं !!!

1256 दिल सच्चे एहसास मामूली शब्द खास शायरी


1256
दिलके सच्चे,
कुछ एहसास लिखते हैं,
मामूली शब्दोंमें ही सहीं,
कुछ खास लिखते हैं . . . !

25 April 2017

1255 मर मिटे पगली रूठ संभल शायरी


1255
कैसे ना मर मिटे,
उनपर हम.......
पगली रूठकर भी,
कहती हैं...
सुनो......
संभलके जाना...!!!

1254 बेरुखी ऐतराज़ हाल शायरी


1254
तेरी बेरुखीपें कोई,
ऐतराज़ नहीं हैं हमें...
किस हालमें हैं हम...
इतना तो पूँछ लिया करो . . .

1253 दिल आँख हकीकत रिश्ता हमदर्द हाथ दर्द दुआ शायरी


1253
आँखोंमें देखकर,
वो दिलकी हकीकत जानने लगे;
उनसे कोई रिश्ताभी नहीं,
फिरभी अपना मानने लगे;
बनकर हमदर्द कुछ ऐसे,
उन्होंने हाथ थामा मेरा;
कि हम खुदासे,
दर्दकी दुआ मांगने लगे ll

1252 इश्क़ जूनून मयख़ाने सिर दरवाज़ा शायरी


1252
फिर इश्क़का जूनून,
चढ़ रहा हैं सिरपें,
मयख़ानेसे कहदो जरा की...
दरवाज़ा खुला रखे !!! 

1251 मुहब्बत दर्द जान शायरी


1251
कैसे बताऊ तुम्हे...
मुहब्बतका दर्द...
जान जाओगी,
तो जानसे जाओगी.......!

24 April 2017

1250 जिंदगी अजीब खेल याद लफ्ज शायरी


1250
यह अजीब खेल हैं ,
मेरी जिंदगीमें...
जहां यादका लफ्ज आजाये ,
वहां तुम याद आते हो...

1248 कोशिश ख्वाहिश डर जुदाई शायरी


1248
कोशिश तो होती हैं,
की तेरी हर ख्वाहिश पुरी करूं,
पर डर लगता हैं की तू ख्वाहिशमें...
मुझसे जुदाई न मांग ले...

1249 जहर असरदार जनाब राजी मौत शायरी


1249
जहरके असरदार होनेसे,
कूछ नहीं होता जनाब...
खुदा भी राजी होना चाहिए,
मौत देनेके लिए…

1247 मोहब्बत खास रात आखरी खयाल सुबह पहली सोच शायरी


1247
कुछ खास नहीं,
बस इतनीसी हैं मोहब्बत मेरी…!
हर रातका आखरी खयाल और,
हर सुबहकी पहली सोच हो तुम…!!!

1246 मजबूरी समझ मजबूरी वापस शायरी


1246
मैने तुम्हारी मजबूरीयाँ समझी,
और तुम्हे जाने दिया...
अब तुम भी मेरी मजबूरी समझो,
और वापस आ जाओ...