3616
रबसे माँगा
था तेरा प्यार,
जो इस दुनियाँको मंज़ूर नहीं;
चाहे फासले कितने भी
रहे,
मेरे दिलसे
तुम कभी दूर
नहीं...
3617
एक हमदर्द,
जरुरी हैं जीनेके लिए...
हर इंसानसे,
हाल-ए-दिल
बयाँ नहीं होता...
3618
अगर मालूम होता,
इश्क इतना तड़पाता
हैं...
हम दिल जोड़नेसे पहले,
हाथ जोड़ लेते...!
3619
जब हजारों झूठ बोले
तब,
हर किसीने
मोहब्बतकी हमसे;
जब सच्चे दिलसे
किसीको चाहा तो,
दर्दके सिवा
कुछ न मिला.......!
3620
कितनी मासुम हैं,
दिलकी ख्वाहिश...
इश्क भी करना
चाहता हैं और...
खुश भी रहना
चाहता हैं.......!