30 November 2018

3596 - 3600 दिल तन्हा दुनिया हाल ख्वाब जुबान शिकवे चौखट आवाज़ याद लाजमी तसल्ली शायरी


3596
हाल पूछ लेनेसे,
कौनसा हाल ठीक हो जाता हैं...
बस तसल्ली हो जाती हैं कि,
इस भीड़भरी दुनियामें कोई अपना भी हैं...!

3597
हमें देखकर जब,
उन्होने मुँह मोड लिया...
एक तसल्ली सी हो गयी की,
चलो पहचानते तो हैं.......!

3598
चुभते हुए ख्वाबोंसे कह दो,
अब आया ना करे...
हम तन्हा तसल्लीसे रहते हैं,
बेकार उलझाया ना करे.......

3599
जब उनका नाम जुबानपर आता हैं...
ना जाने क्यों दिल मुस्कुराता हैं;
तसल्ली होती हैं दिलको,
कि चलो कोई तो हैं जो इतना याद आता हैं...

3600
तसल्ली...

आज आपने दी होती आवाज़...
तो किए होते कुछ शिकवे गीले;

तेरी चौखटपें आए तो फिर शिकवा ही सही...
पर बात तो की होती;

आँखे चुराना तो लाजमी हैं...
कभी आँख मिलाकर भी तो देख ली होती;

प्यार तो आज भी हैं हमें...
क्या तुम्हें भी हैं अहसास;

एक आखरी बार तसल्ली तो दी होती...!

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