1 November 2018

3496 - 3500 दिल पल एहसास याद अंदाज़ दर्द दीवार फरियाद तन्हाई आबाद ग़म लम्हें शौक शायरी


3496
तुम दूर हो मगर ये एहसास होता हैं,
कोई हैं जो हर पल दिलके पास होता हैं;
याद तो सबकी आती हैं,
मगर तुम्हारी यादका अंदाज़...
बहुत खास होता हैं...!

3497
दर्दकी दीवारपर फरियाद लिखा करते हैं,
हर रात तन्हाईको आबाद किया करते हैं;
खुदा उन्हे हमेशा खुश रखना जिन्हे,
हम तुमसे भी पहले याद किया करते हैं l

3498
हर रोज़ पीता हूँ तेरे छोड़ जानेके ग़ममें,
वर्ना पीनेका मुझे भी कोई शौक नहीं l
बहुत याद आते हैं तेरे साथ बीताये हुये लम्हें,
वर्ना मर मरके जीनेका मुझे भी कोई शौंक नहीं ll

3499
कुछ ना कुछ तो हैं,
इस उदासीका सबब...
अब मान भी जाओ,
की हम याद आते हैं.......!

3500
रबको याद करू,
या याद करू तुम्हे...!
जर्रे जर्रेमें वो हैं,
और कतरे कतरेमें तुम.......!!!

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