8 February 2017

937


आँखें भिगोने लगी है
अब तेरी बातें...!
काश तुम अजनबी ही रहते...
तो अच्छा था...!!

936


साथ देना चाहते है आप की हर राह मे
जिंदगी जीना चाहते है आप की बाहों मे
बन जाना साँसे हमारी ओर कर देना एहसान इतना
जो हो हमारा प्यार सच्चा इस दुनिया मे

6 February 2017

935


कभी मुस्कुराती आँखें भी,
कर देती हैं कई दर्द बयां,
हर बात रो कर बताना ही
जरूरी नहीं होता…

934


तुम्हारा तो गुस्सा भी
इतना प्यारा है के...!!
दिल करता है दिन भर तुम्हे
तंग करते रहे...!!

933


मत पूछो ये इश्क कैसा होता है...
बस जो रुलाता है ना,
उसी के गले लगकर
रोने को जी चाहता हैं...

932

जब मुझे यकीन है
कि खुदा मेरे साथ है
तो इससे मुझे कोई फर्क नही पड़ता
कि कौन कौन मेरे खिलाफ है …

931


मिल सके आसानी से ,
उसकी ख्वाहिश किसे है?
ज़िद तो उसकी है ...
जो मुकद्दर में लिखा ही नहीं...

930


इतना, आसान हूँ कि
हर किसी को समझ आ जाता हूँ ,
शायद तुमने ही ...
पन्ने छोड़ छोड़ कर पढ़ा है मुझे …!!

929


तेरी दुनिया का यह दस्तूर भी
अजीब है "ए खुदा"
मोहब्बत उनको मिलती है...
जिन्हें करनी नहीं आती...!

928


हर मुलाक़ात पर वक़्त का तक़ाज़ा हुआ।
हर याद पर दिल का दर्द ताज़ा हुआ।
सुनी थी सिर्फ ग़ज़लों में जुदाई कि बातें।
अब खुद पर बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ ll

927


काश फिर वो मिलने कि वजह मिल जाएँ,
साथ वो बिताया वो पल मिल जाये,
चलो अपनी अपनी आँखें बंद कर लें,
क्या पता खाव्बों मैं गुजरा हुआ कल मिल जाएँ…

926


मुझे कुछ हो गया तो,
इस दुनिया में कोई नहीं रोयेगा...
अगर तुझे कुछ हो गया तो,
पूरी दुनिया को रुलाऊंगा !

4 February 2017

925


तेरी हर याद से शुरु होती है
मेरी हर सुबह
फिर ये कैसे कह दुँ कि
मेरा दिन खराब है..!

924


उसकी याद में हम बरसों रोते रहे;
बेवफ़ा वो निकले बदनाम हम होते रहे;
प्यार में मदहोशी का आलम तो देखिये;
धूल चेहरे पे थी और हम आईना साफ़ करते रहे...

923


कहीं दर्द की झीलें हैं,
तो कहीं यादों भरी करवटें,,,
उसे कहना मैं खुश तो हूँ,
मगर मेरा हर लफ़्ज रोता है.....!!

922


घोंसला बनाने मे हम
यूँ मशगूल हो गये !
उड़ने को पंख भी थे
ये हम भुल ही गये !!

921

लम्हों की एक कीताब है जिंदगी,
सासौं और ख्वाबों का हिसाब है जिंदगी,
कुछ जरुरते पुरी कुछ ख्वायीशे अधुरी
इन्ही सवालोंका जवाब है जिंदगी।

3 February 2017

920


इतनी रोशनी है
चेहरे में उसके,
मेरी आँखों के पतंगे
वहीं उड़ते मिलते हैं।

919


माँगना भूल जाऊँ तुम्हें
हर नमाज़ के बाद...,
इसलिये मैंने तुम्हारा नाम,
दुआ रख दिया !!!

918


किसने कहा तू मेरे दिल मैं
मेहमान बन के आया कर
ये तेरी सल्तनत है जब भी आया कर
सुलतान बन के आया कर…