23 March 2017

1127


इश्क भी अजीब होता है।
अपनोको खोकर मीलता है।
फिर भी इश्क मे ही इन्सान जिता है।
तभी तो उसे इश्क कहते है।
इश्क इश्क है
ये इश्क इश्क ये इश्क इश्क है इश्क ।

1126


वाकीफ तो हम भी हैं,
मशहूर होने के तौर तरीकों से
पर जिद तो,
अपने अंदाज से जीने की है

22 March 2017

1125


हमारा अदांज ही कुछ ऐसा हैँ कि...
हम बोलते है,
तो बरस जाते हैँ !
और
खामोश रहते हैँ,
तो लोग तरस जाते है ...!!!

1124


ना तंग करो इतना, हम सताऐ हुऐ हैं,
मुहोब्बत का गम दिल पे उठाऐ हुऐ हैं,
खिलौना समझ कर हम से ना खेलो,
हम भी उसी खुदा के बनाऐ हुऐ हैं ||

1123


"तेरी आँखों के जादू से,
तू ख़ुद नहीं है वाक़िफ़ ,
यह उसे भी जीना सिखा दे,
जिसे मरने का शौक़ हो"

1122


किताबों में कहते हैं फूल तोडना मना है,
बागों में कहते हैं फूल तोड़ना मना है,
फूलों से कीमती चीज़ है दिल,
कोई नहीं कहता दिल तोड़ना मना है !

1121


तुम आए थे,
पता लगा,
सुन कर अच्छा भी लगा,
पर गैरों से पता चला,
बेहद बुरा लगा !!

21 March 2017

1120


जिन की ऑखें बात बात में
भीग जाती है,
वो कमजोर नहीं...
दिल से सच्चे होते हैं…!

1119


उम्र बर्बाद कर दी हमने,
औरों में नुक़्स निकालते निकालते.......
इतना कभी खुद को तराशते तो,
कब के खुदा तो हो गए होते.......।

1118


इतने बरसों का सफर,
यूँ ही ख़ाक हुआ...
जब उन्होंने कहा
“कहो...कैसे आना हुआ ?”

1117


लिख दू तो लफ्ज़ तुम हो,
सोच लू तो ख्याल तुम हो,
मांग लू तो मन्नत तुम हो, और
चाह लू तो मोहोब्बत भी तुम ही हो

1116


मुस्कराहट का कोई मोल नहीं होता ,
कुछ रिश्तों का कोई तोल नहीं होता ,
लो तो मिल जाते है हर मोड़ पर...
लेकिन हर कोई आप की तरह अनमोल नहीं होता !!!

20 March 2017

1115

तेरा हुआ ज़िक्र
तो हम तेरे सजदे में झुक गये,
अब क्या फर्क पड़ता है
मंदिर में झुक गये या मस्जिद में झुक गये !!!

1114


सारे ताबीज,
गले में पहन कर देख लिए...
आराम तो बस,
तेरे दीदार से ही मिला . . . !!!

1113


इश्क़ वो नहीं जो
तुझे मेरा कर दे...
इश्क़ वो है जो
तुझे किसी और का ना होने दे !!!

1112


तीनका तीनका सासो को जोडते रहे हम,
नके इंतजl में...
.......
न्होने एक नजर में 
जान ही ले ली . . . !

1111


तेरी हर बात
"ख़ामोशी" से मान लेना,
यह भी अन्दाज़ है,
मेरी नाराज़गी का..!!

19 March 2017

1110


तन्हा आँसू बहाने का हुनर
सबके पास नही होता,
जज्बात दफन करने पङते है
किसी अपने की खातिर।

1109


मुस्कुराहटें झूठी भी
हुआ करती हैं यारों...
इंसान को देखना नहीं
बस समझना सीखो.. .!!!

1108


अल्फ़ाज़ के कुछ तो,
कंकर फ़ेंको... ..
यहां झील सी गहरी,
ख़ामोशी है....