2 September 2017

1696 - 1700 दिल जिन्दगी ताश पत्ते खुशनसीब यार बिखर दोस्त तलाश शायरी


1696
ताशके पत्ते तो,
खुशनसीब हैं यारों,
बिखरनेके बाद,
उठानेवाला तो कोई हैं...!

1697
अच्छे दोस्तोंकी तलाश तो
कमजोर दिलवालेको होती हैं ।
बडे दिलवाले तो
हर दोस्तको अच्छा बना लेते हैं ।

1698
जिन्दगीभी अजीब मोड़पर,
ले आई हैं मुझे.....
तुम चुप हो मुझसे,
और मैं चुप हूँ सबसे.......

1699
तितलीके जैसी हैं,
मेरी हर ख़्वाहिशें...
हाथ लगानेके पहले ही,
उड़ जाती हैं...

1700
हमेशाके लिए रखलो ना,
अपने पास मुझे,
कोई पूछे तो बता देना,
दिलका किरायदार हैं...!

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