31 March 2019

4056 - 4060 याद बरसात बूंद तस्वीर नज़र पलकें ख़याल मंज़र फिज़ाएँ बारिश डर कसम मौसम शायरी


4056
" जाने क्यू अभी आपकी याद गयी,
मौसम क्या बदला बरसात भी गयी;
मैने छुकर देखा बूंदोंको तो,
हर बूंदमें आपकी तस्वीर नज़र गयी...! "

4057
पलकें भिगोने लगता हैं मेरी,
अब भी तेरा ख़याल...
मेरी यादोंके शहरसे,
तेरा मौसम गया ही नहीं...!

4058
मंज़र भी बेनूर थे और...
फिज़ाएँ भी बेरंग थी,
बस तुम याद आए और...
मौसम सुहाना हो गया.......!

4059
खुद भी रोता हैं,
मुझे भी रुलाके जाता हैं;
ये बारिशका मौसम,
उसकी याद दिलाके जाता हैं

4060
मौसमको मौसमकी बहारौंने लुटा,
हमे कसतीने नहीं किनारोंने लुटा...
आप तो डर गई मेरी एक ही कसमसे,
आपकी कसम देकर तो हमे हजारौने लुटा...!

30 March 2019

4051 - 4055 मिजाज मुस्कुरा यादें तूफ़ान कर्ज हैरान रफ़्तार सजा वक़्त महक मौसम शायरी


4051
मौसम मिजाजको,
गुलज़ार कर दो...
तुम मुस्कुराकर ही,
हमें कर्जदार कर दो.......!

4052
नहीं कोई जानकारी,
मेरे पास... मौसमकी,
बस इतना जानता हुँ...
तेरी यादें तूफ़ान लाती हैं.......!

4053
माना मौसम भी बदलते हैं,
मगर धीरे-धीरे...
तेरे बदलनेकी रफ़्तारसे तो,
हवाएं भी हैरान हैं.......!

4054
सजा हैं मौसम,
तुम्हारी महकसे आज फिर;
लगता हैं हवायें तुम्हें,
छूकर आयी हैं...!

4055
दिन छोटे और,
रातें लंबी हो चली हैं...
मौसमने यादोंका,
वक़्त बढ़ा दिया.......!

26 March 2019

4046 - 4050 वक़्त बिखर तकलीफ चाह खामोशी जख्म उदासी मुस्कुरा तकलीफ शायरी


4046
जो तुम बोलो बिखर जाएँ,
जो तुम चाहो संवर जायें...
मगर यूँ टूटना जुड़ना,
बहुत तकलीफ देता हैं...

4047
मुझे वक़्त गुजारनेक़े लिए,
मत चाहा कर...
मैं भी इन्सान हूँ,
मुझे भी बिखरनेसे...
तकलीफ होती हैं...

4048
बहुत तकलीफ देती हैं ना,
मेरी बातें तुम्हें...
देख लेना एक दिन,
मेरी खामोशी तुम्हें रुला देगी...।

4049
तुझसे अच्छे तो,
जख्म हैं मेरे...
उतनी ही तकलीफ देते हैं,
जितनी बर्दास्तकर सकूँ...!

4050
चेहरेपर उदासी,
ना ओढिये साहब;
वक़्त ज़रूर तकलीफका हैं,
लेकिन कटेगा मुस्कुरानेसे ही।

25 March 2019

4041 - 4045 उम्मीद इंसानियत याद किस्सा साथ तस्वीर हौसले जहर तकलीफ शायरी


4041
तू गिरा,  तेरी उम्मीदोके मिनार गिरे,
पर लोग तुझे गिरानेमें कई बार गिरे;
सवाल जहरका नही था, वो तो तू पी गया,
तकलीफ लोगोंको तब हुई, जब तू जी गया...!

4042
वो बुलंदियाँ भी किस कामकी जनाब,
की...
इंसान चढ़े और इंसानियत गिर जायें.......

4043
याद करके मुझे,
तकलीफ ही होती होगी...
एक किस्सा हूँ पुराना सा,
भुला दे मुझको...

4044
अपने वह नहीं होते,
जो तस्वीरमें साथ खड़े हो;
अपने वह होते हैं,
जो तकलीफमें साथ खड़े हो...!

4045
ये हौसले भी,
किसी हकीमसे कम नहीं होते हैं...
हर तकलीफको ताक़द बना देते हैं...!

4036 - 4040 मोहब्बत ज़िन्दगी लम्हा बातें याद रिवाज़ फिक्र एहसास रिश्ते प्यार तकलीफ शायरी


4036
बडा तकलीफ देता हैं,
वो लम्हा ज़िन्दगीका;
जब हम चाहकर भी,
किसीके नही हो सकते...!

4037
वो लम्हा मेरी ज़िन्दगीका,
बड़ा अनमोल होता हैं...
जब तेरी बातें तेरी यादें,
तेरा माहौल होता हैं.......

4038
सुबहका प्रणाम सिर्फ रिवाज़ही नही,
बल्कि आपकी फिक्रका एहसास भी हैं...
रिश्ते ज़िन्दा रहे और,
यादें भी बनी रहे.......!

4039
हर पलमें प्यार हैं,
हर लम्हेमें खुशी हैं;
खो दो तो यादें हैं,
और जी लो तो ज़िन्दगी हैं....!

4040
मोहब्बत एक खेल था ताशका,
वो बाजी मार गये...!
हम बादशाह होकर भी,
एक बेगमसे हार गये.......!

23 March 2019

4031 - 4035 शिद्दत याद अकेला इंतजार तलब आँख वक़्त लम्हा शायरी


4031
अच्छा-बुरा जैसा भी हूँ,
शिद्दतसे जी लेना मुझे...
बस एक लम्हा ही तो हूँ,
चुपकेसे गुजर जाऊँगा...!

4032
याद आऊं तो चले आना,
लम्हा आज भी वहीं थमा हैं...l
जिस मोड़पर तुमने,
मुझे अकेला कर दिया था...ll

4033
कई शाम गुजर गई,
कई राते गुजर गई...!
ना गुजरा तो सिर्फ एक लम्हा,
वो तेरे इंतजारका.......!

4034
तलब हैं या जुनूँ,
मेरी आँखोंका...?
हर लम्हा मुझमें,
तू पिघलासा क्यूँ हैं ?

4035
जी लो हर लम्हा,
बीत जानेसे पहले...
लौटकर यादें आती हैं,
वक़्त नहीं.......

4026 - 4030 असलियत कदर मतलब चाहत दुनिया तकलीफ सुकून फुर्सत शामिल याद लम्हा ख्याल शायरी


4026
ख्यालोंमें बीत रहा,
हर लम्हा तेरा हैं...
असलियत भी तेरी थी,
ख्याल भी तेरा हैं...!!!

4027
कदर करलो उनकी जो तुमसे,
बिना मतलबकी चाहत करते हैं...
दुनियामें ख्याल रखनेवाले कम और,
तकलीफ देनेवाले ज़्यादा होते हैं...!

4028
सब कुछ मिला सुकूनकी दौलत नहीं मिली, 
एक तुझको भूल जानेकी मौहलत नहीं मिली, 
करनेको बहुत काम थे अपने लिए मगर,
हमको तेरे ख्यालसे कभी फुर्सत नहीं मिली।

4029
तुम्हारा ख्याल मेरे मनसे,
जाये भी... तो जाये कैसे...
कि तुम मेरे ख्यालके,
ख्यालोंमें भी शामिल हो...!!!

4030
जाने क्यों आती हैं याद तुम्हारी,
चुरा ले जाती हैं आँखोंसे नींद हमारी;
अब यही ख्याल रहता हैं सुबह शाम,
कब होगी श्याम तुमसे मुलाकात हमारी

22 March 2019

4021 - 4025 अच्छा ताज्जुब मुहब्बत रंगीन फिज़ा रूह इश्क़ तस्वीर इत्तेफाक ख्याल शायरी


4021
कितना अच्छा लगता हैं,
जब कोई कहता हैं,
अपना ख्याल रखना,
मेरे लिए.......!

4022
ताज्जुब हैं तेरी,
गहरी मुहब्बतपर...
तू मेरे रूहमें हैंऔर...
मैं तेरे ख्यालमें भी नहीं...

4023
तेरे ख्यालसे फिज़ाका,
यूँ रंगीन हो जाना...!
महज़ ये इत्तेफाक हीं,
सबूत--इश्क़ हैं.......!

4024
तेरे ख्यालमें जब
बे-ख्याल होता हूँ,
ज़रासी देरको सही
बे-मिसाल होता हूँ।

4025
तेरी तस्वीर, तेरा ख्याल,
तेरी याद और तेरा ख़्वाब,
सब तेरा ही रख रखा हैं मैंने,
अपनी चार दीवारीमें.......।

20 March 2019

4016 - 4020 ज़िंदगी खुशबू अजीब कयामत आफत इबादत नाराज़ वक्त किश्त खयाल शायरी


4016
इक ठहरा हुआ,
खयाल तेरा;
कितने लम्होंको,
रफ़्तार देता हैं...

4017
सारा बदन अजीबसी,
खुशबूसे भर गया...
शायद तेरा खयाल,
हदाेंसे गुजर गया...!

4018
तेरा खयाल भी हैं,
क्या गजब...
ना आए तो आफत,
जो जाए तो कयामत...!

4019
खयालोंमेंउसके,
मैने बिता दी ज़िंदगी सारी; 
​​इबादत कर नहीं पाया,
खुदा नाराज़ मत होना...

4020
हर रोज़ हर वक्त,
तेरा ही खयाल...
जाने किस कर्जेकी,
किश्त हो तुम.......!

19 March 2019

4011 - 4015 चेहेरे शर्म याद नसीब बारिशें बाजार पलकें सुकून ख्वाहिशें शायरी


4011
दर्ज हैं इसमें,
ख्वाहिशें सबकी;
मेरे चेहेरेमें मेरा,
कुछ भी हीं...

4012
बेशर्म हो गयी हैं,
ये ख्वाहिशें मेरी...
मैं अब बिना किसी बहानेके,
तुम्हे याद करने लगा हूँ...!

4013
भरे बाजारसे अक्सर,
ख़ाली हाथ ही लौट आता हूँ...
पहले पैसे नहीं थे,
अब ख्वाहिशें नहीं रहीं...!

4014
मुझपर नसीबकी बारिशें,
कुछ इस तरहसे होती रहीं...
ख्वाहिशें सूखती रहीं और,
पलकें भीगती रहीं.......

4015
चलो चलकर,
सुकून ही ढूंढ लाएँ,  
ख्वाहिशें तो,
खत्म होनेसे हीं...!

18 March 2019

4006 - 4010 मोहब्बत मतलब जवाब इलाज चाँद चर्चा आसमान एहसास चौखट वादा तन्हाई शायरी


4006
सुना हैं हर बातका,
जवाब रखते हो तुम...
क्या... तन्हाईका भी,
इलाज रखते हो तुम...?

4007
चाँद भी झाँकता हैं,
अब खिड़कीयोंसे...
मेरी तन्हाईओका चर्चा,
आसमानोमें हैं.......!

4008
फिर कहीं दूरसे एक बार सदा दो मुझको,
मेरी तन्हाईका एहसास दिला दो मुझको, 
तुम तो चाँद हो तुम्हें मेरी ज़रुरत क्या हैं,
मैं दिया हूँ किसी चौखटपें जला दो मुझको।

4009
तन्हाई सौ गुना,
बेहतर हैं...
झुठे वादाेंसे,
झुठे लोगोंसे...!

4010
                        "मोहब्बत"
तुम क्या जानो मोहब्बतके "म" का मतलब,
मिल जाए तो 'मज़ा' ना मिले तो 'मौत' l

तुम क्या जानो मोहब्बतके "ह" का मतलब,
मिल जाये तो 'हुकूमत' ना मिले तो 'हसरत' l

तुम क्या जानो मोहब्बतके "ब" का मतलब,
मिल जाये तो 'बहादुरी' ना मिले तो 'बला' l

तुम क्या जानो मोहब्बतके "त" का मतलब,
मिल जाये तो 'तख्तो ताज' ना मिले तो 'तन्हाई' ll