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दुश्मनोंसे,
प्यार होता जाएगा...
दोस्तोंको,
आज़माते जाइए...
ख़ुमार बाराबंकवी
7187दुश्मनोंसे क्या ग़रज़,दुश्मन हैं वो...दोस्तोंको,आज़माकर देखिए.......!
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दोस्ती या दुश्मनी,
नहीं निभाता हैं आईना...
जो उसके सामने हैं,
वही दिखाता हैं आईना...
7189ये फ़ित्ना आदमीकी,ख़ाना-वीरानी को क्या कम हैं...?हुए तुम दोस्त जिसके,दुश्मन उसका आसमाँ क्यूँ हो...?मिर्ज़ा ग़ालिब
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दोस्तों और दुश्मनोंमें,
किस तरह तफ़रीक़ हो...
दोस्तों और दुश्मनोंकी,
बे-रुख़ी हैं एक सी.......
जान काश्मीरी
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