19 February 2021

7186 - 7190 प्यार आईना तफ़रीक़ आसमाँ दोस्ती दुश्मनी शायरी

 

7186
दुश्मनोंसे,
प्यार होता जाएगा...
दोस्तोंको,
आज़माते जाइए...
           ख़ुमार बाराबंकवी

7187
दुश्मनोंसे क्या ग़रज़,
दुश्मन हैं वो...
दोस्तोंको,
आज़माकर देखिए.......!

7188
दोस्ती या दुश्मनी,
नहीं निभाता हैं आईना...
जो उसके सामने हैं,
वही दिखाता हैं आईना...

7189
ये फ़ित्ना आदमीकी,
ख़ाना-वीरानी को क्या कम हैं...?
हुए तुम दोस्त जिसके,
दुश्मन उसका आसमाँ क्यूँ हो...?
मिर्ज़ा ग़ालिब

7190
दोस्तों और दुश्मनोंमें,
किस तरह तफ़रीक़ हो...
दोस्तों और दुश्मनोंकी,
बे-रुख़ी हैं एक सी.......
                    जान काश्मीरी

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